AGR पेमेंट पर दूरसंचार विभाग सख्त, भुगतान में देरी ना करें टेलीकॉम कंपनियां

 दूरसंचार विभाग (Department of Telecommunications, DoT) ने टेलीकॉम कंपनियों (Telecom Companies) को एडजेस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) की पेमेंट में देरी नहीं करने निर्देश दिए है. दूरसंचार विभाग ने टेलीकॉम कंपनियों से कहा है कि आप के जितने भी संदेह हैं उनको आप 13 दिसंबर से पहले-पहले सफाई ले लीजिए ताकि एसजीआर की पेमेंट में देरी ना आए. टेलीकॉम कंपनियों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक AGR का 1.47 लाख करोड़ रुपए चुकाना है.


DoT ने 5 दिसंबर को लिखी थी चिट्ठी


दूरसंचार विभाग में 5 दिसंबर को टेलीकॉम कंपनियों को चिट्ठी भेजी है. इससे पहले दूरसंचार विभाग टेलीकॉम कंपनियों से self-assessment करके AGR की पेमेंट देने की मांग कर चुका है जबकि इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स ने प्रधानमंत्री कार्यालय को एजीआर के मुद्दे पर दखल देने की मांग की है. ISP के मुताबिक नेशनल रेवेन्यू पर उनकी लाइसेंस फीस की देनदारी नहीं बनती है.


आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट सभी टेलीकॉम कंपनियों को एजीआर की पेमेंट जनवरी तक करना है. इस फैसले में ये खास बात है कि लाइसेंस फीस के तहत कंपनियों की आमदनी 8 फीसदी तक चुकाना है. उस आमदनी में नॉन-कोर एसेट्स से होने वाले आमदनी को भी शामिल करने की सरकार की मांग को सुप्रीम कोर्ट ने जायज ठहराया था. उसी के तहत के मांग की गई थी. अब लगता है कि सरकार के फैसले के बाद टेलीकॉम कंपनियों के पास कोई रास्ता नहीं बचता है सिवाए ये पेमेंट करने को.


किस कंपनी को कितना है चुकानापेमेंट करना पड़ता है तो सबसे ज्यादा जिन कंपनियों पर उसमें भारती एयरटेल और वोडा-आइडिया जैसी कंपनियां शामिल होंगी. भारती एयरटेल पर करीब 35 हजार करोड़ रुपये, वोडाफोन-आइडिया पर करीब 55 हजार करोड़ रुपये के आसपास देनदारी बनती है.